8 अमर नायक: जानें चिंरंजीवियों के 8 रोमांचक किस्से

Rohit - Content Writer/ Webmaster
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भईयो और बहनो, कभी सोचा है दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो हमेशा जिंदा रहते हैं? है ना चौंकाने वाली बात! पर ये सच है! हिंदू धर्म में 8 ऐसे महापुरुषों की बात है, जिन्हें “चिरंजीवी” कहते हैं, यानी वो कभी नहीं मरते! आज उन्हीं के रोचक किस्सों में झांकते हैं, उनके अमरत्व के राज़ खोलते हैं!

1. हनुमान जी – वानर सेवक, भक्त शिरोमणि:

सब जानते हैं, हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त थे! उनकी अथाह वीरता और अमरत्व का वरदान उन्हें कई देवताओं से मिला था। उनका नाम लेते ही याद आता है, लंका जलाना, सीता माता को ढूंढना, संजीवनी बूटी लाना! भगवान का आशीर्वाद और अपने अटूट विश्वास के साथ हनुमान जी हमेशा जीवित रहेंगे!

2. अश्वत्थामा – क्रोध का शाप, भटकन का नसीब:

महाभारत की दुखद कहानी में अश्वत्थामा का नाम अहम है। गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र, जिनका क्रोध ही उनकी मौत बन गया। श्रीकृष्ण ने उन्हें शाप दिया कि वह अमर तो रहेंगे, पर हमेशा दुख और अकेलेपन में भटकते रहेंगे। आज भी उनकी कहानी पहाड़ों और जंगलों में सुनाई देती है!

3. महाबली – विष्णु भक्त, तीन लोक का राज:

बलि को राजा विष्णु ने वरदान दिया था कि वो तीनों लोकों पर राज्य करेगा। पर बलहुस नाम के ऋषि की हत्या के पाप से बचने के लिए विष्णु जी ने वामन अवतार लिया और उनसे तीन पग ज़मीन मांगी। तीन पग में ही सारा ब्रह्मांड नाप लिया और बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया। वो आज भी विष्णु भक्त के रूप में अमर हैं!

4. कृपाचार्य – गुरु की शक्ति, शिष्य का साथ:

महाभारत के महान योद्धा, कृपाचार्य, धर्म और कुरुक्षेत्र दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी अमरता का श्रेय उनके गुरु परशुराम की शक्ति और पांडवों के प्रति वफादारी को दिया जाता है। आज भी वो अपने ज्ञान और कौशल के साथ जीवित बताए जाते हैं!

5. व्यास – महाकवि, शब्दों का जादू:

महाभारत, पुराण, और कई ग्रंथ रचयिता ऋषि व्यास जी का नाम साहित्य जगत् में अमर है। उन्हें ब्रह्मा जी का आशीर्वाद मिला था कि वो शब्दों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेंगे। उनकी रचनाएं ही उनकी अमरता का प्रमाण हैं, वो आज भी हमें ज्ञान और प्रेरणा देती हैं!

6. परशुराम – क्षत्रिय भंजन, भगवान शिव का प्रिय:

भगवान शिव के अनन्य भक्त, परशुराम जी ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रियों से मुक्त कराया था। उनकी कुल्हाड़ी और अमरत्व का वरदान भगवान शिव से मिला था। आज भी वो पहाड़ों पर ध्यान लगाते, जगत का कल्याण करते हुए दिखाई देते हैं!

7. विभीषण – धर्म का साथ, भाई का त्याग:

रामायण में रावण के भाई विभीषण का किरदार बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने धर्म का साथ दिया और राम जी की मदद से लंका जीत में अहम भूमिका निभाई। उनके पवित्र कर्मों और राम जी के आशीर्वाद से वो आज भी अमर हैं!

8. ऋषि मार्कण्डेय – यमराज को भी रोक दिया:

ऋषि मार्कण्डेय जी की कहानी तो सब जानते हैं! भगवान शिव से मिले वरदान और अपने तप के बल पर उन्होंने यमराज को भी हरा दिया था! ऋषि मार्कण्डेय जी के पिता मर्कण्डु ऋषि को कोई संतान नहीं थी। तब इन्होंने अपनी पत्नी के साथ भगवान शिव की तपस्या की। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए और कहा कि, तुम गुणहीन दीर्घायु पुत्र चाहते हो या गुणवान अल्पायु पुत्र जिसकी उम्र केवल 16 साल होगी। मर्कण्डु ऋषि ने कहा कि उन्हें गुणवान अल्पायु पुत्र चाहिए। भगवान शिव ने वरदान दिया कि उनके पुत्र मार्कण्डेय जी 16 साल की उम्र में ही मृत्यु को प्राप्त होंगे।

अमरत्व का रहस्य:

इन 8 चिंरंजीवियों को अमरता का वरदान कैसे मिला, यह एक रहस्य है। कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें भगवान, देवताओं, या ऋषियों ने वरदान दिया था। कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने अपने तप और साधना से अमरता प्राप्त की थी।

चाहे जो भी कारण हो, इन चिंरंजीवियों की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं। ये हमें बताती हैं कि अगर हम सच्चे मन से प्रयास करें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।

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