हम सबने अंडरवियर पर उस छोटी सी “पॉकेट” को नोटिस किया है, लेकिन कभी सोचा है वो वहाँ क्यों होती है? आज हम उठाते हैं उस पर्दाफाश का झंडा और खोलते हैं इस सवाल का रहस्य!
ये “पॉकेट” असल में “गसेट” (gusset) कहलाती है. इसे किसी चीज को रखने के लिए नहीं, बल्कि आराम और हाइजीन के लिए बनाया जाता है. ये दोनों ही पहलू आपके निचले अंगों के लिए बेहद जरूरी हैं. तो आइए देखते हैं ये गसेट किस तरह से आपकी मदद करती है:
1. आराम का ख़ज़ाना:
- जीन्स की तरह ही अंडरवियर पहनने से भी रगड़-फट्ट लगती है, खासकर आपके नाज़ुक हिस्सों पर. ऐसे में गसेट एक नरम कुशन की तरह काम करती है, जो खरचन और असहजता को कम करती है.
- गसेट अक्सर कॉटन जैसे सॉफ्ट और हवादार कपड़े से बनाई जाती है. ये आपकी त्वचा को जलन और रैशेज से बचाती है, क्योंकि अन्य सिंथेटिक कपड़े ऐसे इलाकों में ज्यादा गर्मी और नमी पैदा कर सकते हैं.
2. हाइजीन की रक्षक:
- गसेट एक अतिरिक्त लेयर जोड़कर अवशोषण बढ़ाती है. मूत्र या डिस्चार्ज होने पर ये अतिरिक्त कपड़ा उन्हें सोख लेता है, जिससे त्वचा पर सीधे लगने और असहजता होने से रोकता है.
- ये अतिरिक्त लेयर खून के दागों को छिपाने में भी मदद करती है, खासकर पीरियड्स के दौरान.
3. ख़ास डिज़ाइन, ख़ास ज़रूरतें:
- पुरुषों के अंडरवियर में गसेट थोड़ा अलग होती है. इसे “कंटूअर पाउच” कहते हैं. ये आगे की तरफ एक फंसे हुए आकार में सिली होती है. ये आपके गुप्तांगों को सहारा देती है और उन्हें सही जगह पर रखती है, जिससे आराम और फिटमेंट दोनों बेहतर होती है.
- महिलाओं के अंडरवियर में गसेट को अलग-अलग तरह से बनाया जा सकता है. ये हाई-कट, बिकिनी कट, फुल कवरेज आदि, हर तरह के अंडरवियर में फिट हो सकती है.
तो अब समझ में आया न, अंडरवियर में ये “पॉकेट” आपके आराम और हाइजीन की सबसे अच्छी दोस्त है!
लेकिन ये ध्यान रखें:
- गसेट को हमेशा साफ रखें. अंडरवियर को नियमित रूप से धोएं.
- अगर आपको लगता है कि गसेट से असहजता हो रही है, तो अपने बिल्ड और जरूरत के हिसाब से सही फिट और स्टाइल की अंडरवियर चुनें.