Ather Energy का बड़ा दांव, EV कंपनियों को Free में बांटेगी अपना Charging Connector

Richa - Content Writer
2 Min Read

भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वृद्धि के साथ-साथ EV चार्जिंग नेटवर्क की भी आवश्यकता बढ़ रही है। Ather Energy ने इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक बड़ा दांव खेला है। कंपनी ने अन्य EV कंपनियों को अपना चार्जिंग कनेक्टर मुफ्त में बांटने का ऐलान किया है।

Ather Energy ने इस कदम के पीछे का उद्देश्य EV चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ावा देना और EV अपनाने को प्रोत्साहित करना बताया है। कंपनी का मानना है कि यह कदम EV चार्जिंग को अधिक सुलभ और किफायती बना देगा।

Ather Energy के स्वदेशी तौर पर विकसित एसी और डीसी संयुक्त चार्जिंग कनेक्टर को इस साल अक्टूबर में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने मंजूरी दी थी। यह चार्जिंग कनेक्टर हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों (एलईवी) – इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के साथ-साथ माइक्रो कारों के लिए मानक दर्जा मिला है।

Ather Energy का कहना है कि वह मार्च, 2024 तक अपने चार्जिंग नेटवर्क को मौजूदा 1,600 से बढ़ाकर 2,500 करने पर भी काम कर रही है। इसके साथ ही कंपनी अपने चार्जिंग कनेक्टर को अपनाने के लिए अन्य विनिर्माताओं के साथ भी बातचीत कर रही है।

Ather Energy का यह कदम EV उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है। यह कदम EV चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ावा देने और EV अपनाने को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

निष्कर्ष:

Ather Energy का यह कदम EV उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम EV चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ावा देने और EV अपनाने को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Share This Article
By Richa Content Writer
Follow:
This this is Richa, a versatile content writer with a passion for words and a knack for crafting engaging narratives. With a keen eye for detail and a deep understanding of various industries, she transforms ideas into captivating content. Her writing not only informs but also inspires, making complex topics accessible to all. When she's not typing away, Richa enjoys exploring the world of literature, savoring a good cup of coffee, and seeking inspiration from every corner of life. Trust Richa to bring your ideas to life through the power of words.
Exit mobile version